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What is Article 370 in Hindi also its advantages and disadvantages

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What is Article 370 in Hindi also its advantages and disadvantages

इस लेख में हम सभी जानने वाले है what is article 370 in hindi I यह भारतीय संविधान के उस पन्ने की कहानी है जिसे सुनकर हर एक भारतीय की धड़कने थम सी जाती है I अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का एक विशेष प्रावधान जो जो जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष स्वायत्तता प्राप्त था। इसे 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान में शामिल किया गया और यह 17 नवंबर 1952 से प्रभावी हुआ। इस अनुच्छेद के तहत जम्मू और कश्मीर को भारत में अपना अलग संविधान और कानून व्यवस्था मिली इसी कारण हम सभी कहते है की इसे एक विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है I

What is Article 370 in Hindi

what is article 370 in hindi

भारत देश को आज़ादी 1947 को मिली और 15 अगस्त 1947 को जिस दिन भारत आजाद हुआ।  उसी दिन जम्मू और कश्मीर को भी उसकी आजादी मिल गई।  भारत की स्वतंत्रता के समय राजा हरि सिंह यहां के शासक थे।  जो अपने रियासत को स्वतंत्र ही रखना चाहते थे। 

लेकिन 20 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान समर्थित कश्मीर ने पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर पर आक्रमण कर दिया और काफी सारा हिस्सा अपने कब्जे में ले लिया। 

इस परिस्थिति में महाराजा हरि सिंह ने जम्मू और कश्मीर की रक्षा के लिए शेख अब्दुल्ला की सहमति से जवाहरलाल नेहरू के साथ मिलकर 26 अक्टूबर 1947 को भारत के साथ जम्मू और कश्मीर के अस्थाई की घोषणा कर दी I फलस्वरूप इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेशन ऑफ़ जम्मू एंड कश्मीर इंडिया पर अपने हस्ताक्षर कर दिए।

इस नए समझौते के तहत जम्मू और कश्मीर में सिर्फ तीन विषयों को भारत के हवाले कर दिया था।  रक्षा, विदेशी मामले और  दूरसंचार समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत सरकार ने वादा किया कि जब तक इस राज्य के लोग स्वयं अपने संविधान का निर्माण नहीं कर देते हैं। 

तब तक भारत का संविधान केवल इस राज्य के बारे में टेंपरेरी अरेंजमेंट प्रदान करता रहेगा।  इसी कमिटमेंट के साथ ARTICLE 370 को भारत के संविधान में शामिल किया गया था।  इन प्रावधानों को 17 नवंबर 1952 से लागू किया जाने लगा

ARTICLE 370 में जम्मू और कश्मीर के लिए क्या प्रावधान है?

जम्मू और कश्मीर भारतीय संघ का एक संवैधानिक राज्य है।  किंतु इसका नाम क्षेत्रफल और सीमा को केंद्र सरकार तभी बदल सकती है जब जम्मू और कश्मीर की राज्य सरकार उसको ऐसा करने की अनुमति दे। 

इस आर्टिकल 370  के अनुसार रक्षा और संचार को छोड़कर कोई भी और कानून लागू करने के लिए केंद्र सरकार को पहले राज्य से अनुमति लेनी पड़ेगी।  इस आर्टिकल के अनुसार जम्मू और कश्मीर का अपना ही संविधान है और इसका प्रशासन  खुद ही चलता है। ना कि भारत का संविधान उसे चलाता है I

जम्मू और कश्मीर के पास दो झंडा है- एक जम्मू और कश्मीर का खुद का राष्ट्रीय झंडा है और दूसरा जम्मू और कश्मीर के पास भारत का झंडा है।  जो यहां का राष्ट्रीय ध्वज देश के दूसरे राज्यों के नागरिक इस राज्य में अभी भी किसी भी प्रकार की संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं। अर्थात इस राज्य में अभी भी संपत्ति का मूलभूत अधिकार लागू है। 

जम्मू और कश्मीर के लोगों को दो प्रकार की नागरिकता मिली हुई है एक जम्मू और कश्मीर की और दूसरी भारत की। यदि कोई कश्मीरी महिला किसी भारतीय से शादी करती है।  तो उसकी कश्मीरी नागरिकता वहीं पर खत्म हो जाती है। लेकिन अगर कोई कश्मीरी महिला किसी पाकिस्तानी  से शादी करती है।  तो उसकी कश्मीरी नागरिकता के ऊपर कोई भी परत नहीं पड़ता है। 

यदि कोई पाकिस्तानी लड़का किसी कश्मीरी महिला से शादी कर लेता है।  तो उसे भारतीय नागरिकता भी मिल जाती है।  सामान्यत अगर भारत देश का नागरिक भारत के किसी राज्य को छोड़कर विदेश चला जाता है।  तो उसकी भारतीय नागरिकता खत्म हो जाती है।  लेकिन अगर कोई जम्मू और कश्मीर का नागरिक पाकिस्तान चला जाता है और उसके बाद वह जम्मू और कश्मीर आता है।  तो उसे दोबारा से भारत की नागरिकता मिल जाती है I

जम्मू और कश्मीर में भारत के राष्ट्रीय प्रतीक को जैसे कि राष्ट्रगान, राष्ट्रध्वज इत्यादि का अपमान करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। Article 370 35a के कारण ही केंद्र राज्य पर आर्थिक आपातकाल जैसा कोई भी कानून नहीं लगा सकती है।

अर्थात यदि भारत में कोई वित्तीय संकट आता है और भारत सरकार देश में आर्थिक आपातकाल की घोषणा करती है।  तो उसका जम्मू और कश्मीर पर कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा।  भारत के संविधान में किसी प्रकार का संशोधन जम्मू और कश्मीर पर स्वत: लागू नहीं होता है।  जब तक इसे राष्ट्रपति लागू करने की अनुमति नहीं देते है।

Article 370 35a क्या था? ( Article 370 meaning in Hindi )

अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का एक मूल अंग था, जो जम्मू और कश्मीर को अन्य भारतीय राज्यों से अलग एक विशेष दर्जा प्रदान करता था। इसके तहत:

जम्मू-कश्मीर को अपना अलग संविधान और झंडा मिला हुआ था। भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानून सीधे इस राज्य पर लागू नहीं होते थे, जब तक कि राज्य सरकार उन्हें स्वीकार न करे। अनुच्छेद 35A के तहत, जम्मू-कश्मीर सरकार को यह तय करने का अधिकार था कि कौन वहां का स्थायी नागरिक होगा और कौन नहीं।

कश्मीर हमारे भारत का इंटीग्रल पार्ट है। लेकिन फिर भी उसको लेकर इतनी ज्यादा प्रॉब्लम क्यों है। जम्मू-कश्मीर के मानचित्र में आपको स्पष्ट दिखेगा जम्मू के ठीक नीचे पूरा लद्दाख का एरिया जाता है।  ठीक है तो उसको पूरा जम्मू एंड कश्मीर कहते हैं।

अनुच्छेद 370 हटाने के फायदे

Article 370 35a को भारत के संविधान से  5 अगस्त 2019 को हटाया गया, जिससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को विशेष दर्जे से मुक्त कर एक समान भारत का हिस्सा बना दिया गया। यह निर्णय कई मायनों में फायदेमंद साबित हुआ। आइए जानते हैं इसके प्रमुख लाभ:

राष्ट्रीय एकता और अखंडता
समान अधिकार और कानून
विकास और निवेश के नए अवसर
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार
आतंकवाद और अलगाववाद में कमी
आम नागरिकों के लिए लाभकारी योजनाएं

अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN), आयुष्मान भारत, उज्ज्वला योजना, जन-धन योजना जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है।

भूमि खरीदने और बसने की स्वतंत्रता

अनुच्छेद 370 के नुकसान ( Disadvantages of Article 370 )

Article 370 35a के कई नुकसान भी सामने आए हैं। आइए जानते हैं इसके के कुछ संभावित नुकसान:

राजनीतिक अस्थिरता और विरोध प्रदर्शन
इंटरनेट और संचार सेवाओं पर प्रभाव

Art 370 and 35a हटने के बाद लंबे समय तक इंटरनेट और फोन सेवाएं बंद रहीं, जिससे  व्यापार, शिक्षा और सरकारी कामकाज प्रभावित हुआ। छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई और परीक्षाएं बाधित हुईं। आर्थिक गतिविधियाँ ठप हो गईं। ऐसा अगर नहीं होता तो झूठी अफ़वाए उड़ती जिससे राष्ट्र का नाम ख़राब होता। 

बेरोजगारी और आर्थिक मंदी

कश्मीर एक ऐसा नाम है- जिसके नाम के कारण ही कई वर्षों से पर्यटन और व्यापार का बड़ा योगदान कश्मीर को मिलता आ  रहा है।

सुरक्षा और आतंकवाद पर प्रभाव
बाहरी लोगों के भूमि अधिग्रहण का डर
लोकतांत्रिक प्रक्रिया में देरी

Article 370 35a हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, जिससे

निष्कर्ष

एक भारत, श्रेष्ठ भारत” केवल एक नारा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता, अखंडता और प्रगति का प्रतीक है। इसका अर्थ है कि भारत की विविधता में एकता को बनाए रखते हुए, देश को सर्वश्रेष्ठ और सशक्त बनाया जाए। इसी के तहत ही आर्टिकल 370 में बदलाव किये गए। कारण जम्मू-कश्मीर और लदाख भारत का अंग है। जैसे एक माँ अपने सारे बच्चों एक नज़र से देखती है। वैसे ही भारत के एक भारत श्रेष्ठ भारत के अनुसार ही जम्मू और कश्मीर को  उन सभी नियमों और कानून में बांध दिया गया। जिनसे सभी राज्य बंधे हुए है।

Anand Kumar

मैं आनंद कुमार, पेशे से Engineer हूँ साथ में ब्लॉगर भी हूँ I education, investing, food, personnel finance, share market विषय से संबंधित पोस्ट लिखता हूँ I

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