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Sugar Hone Ke Lakshan in Hindi

डायबिटीज,शुगर,मधुमेह यह सब एक ही बीमारी का नाम है I किसी के शरीर में यह बीमारी दो परिस्थिति में होती है I पहला यह अनुवांशिक होती है I दूसरा ख़राब खान पान एवं ख़राब जीवनशैली के कारण से भी होती है I Diabetic बहुत ही घातक बीमारी है I इस बीमारी की तुलना लकड़ी में घुन लगने के बराबर माना जाता है I Sugar hone ke lakshan in hindi के लेख में हमारे शरीर में शुगर (मधुमेह) के लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं I

मधुमेह के टाइप 1 या टाइप 2 लक्षणों को अक्सर, लोग शुरुआत में नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि ये आमतौर पर हल्के होते हैं। लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो ये लक्षण गंभीर रूप ले सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख लक्षण बताए गए हैं I साथ में Diabetes case study के बारे में बिस्तृत चर्चा करेंगे I

sugar hone ke lakshan in hindi

Sugar एवं Sugar Hone Ke Lakshan क्या है ?

चलिए जानते है की मधुमेह क्या है? इसको जानने के लिए हमे इंसुलिन के वारे में पहले जानना चाहिए I

इंसुलिन एक तरह का हार्मोन है जो हमारे शरीर के अग्नाशय यानि पेन्क्रियाज के कोशिकाओं से तरह तरह के हार्मोन स्रावित होता है जिसमे इंसुलिन हार्मोन भी एक मुख्य है I जब भी हम कुछ खाना खाते है तो खाने के तुरंत बाद इंसुलिन हार्मोन पेन्क्रियाज से निकलता है I

अब यह जानते है की इस हार्मोन का कार्य क्या है I जब हम कार्बोहैड्रेड और शुगर युक्त खाना खाते है तो इस तरह के खाना पाचन तंत्र में पचने के बाद ग्लूकोज बनता है I यह ग्लूकोज हमारे शरीर के रक्त में मिलकर पुरे शरीर के कोशिकाओं तक पहुँचता है I 

अब आते है मुख्य वात पर, इंसुलिन हार्मोन एक रासायनिक संदेशवाहक है I यह हार्मोन कोशिका एवं ग्लूकोज के बिच एक दरवाजा की तरह काम करता है I

जब कोशिकाओं को ऊर्जा की जरुरत होती है एवं रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है या घटती है I तब यही इंसुलिन हार्मोन ही इस मात्रा को नियंत्रित करके आवश्यक ऊर्जा कोशिकाओं में पहुंचने देता है I 

शरीर में इंसुलिन की कमी या शरीर की कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज को अवशोषित नहीं करने के कारण रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाता है या घट जाती है I लम्बे समय तक यही स्थिति बने रहने पर व्यक्ति जिस रोग से ग्रसित होता है उसे Diabetes कहते है I

दूसरे शब्दों में बिना इंसुलिन के ग्लूकोज हमारे कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता जिसके कारण ग्लूकोज रक्त में बढ़ जाता है और हमारा शरीर sugar से ग्रसित हो जाता है I 

Sugar Hone Ke Lakshan in Hindi में क्या है?

शुगर होने के शुरुआती लक्षण इतने सूक्ष्म होते हैं जिसे लोग ऐसे ही नजरअंदाज कर देते हैं। याद रखे, अगर इन संकेतों पर ध्यान नही दिया जाए, तो ये शरीर के लिए कभी भी गंभीर समस्या बन सकते हैं। यहां शुगर होने के लक्षण के कुछ प्रमुख संकेत जो पहले हमे दीखते हैं:

अन्य early मधुमेह के लक्षण जो हमे देखने को मिलता है I

Diabetes Case Study के आधार पर मधुमेह के प्रकार

मुख्य रूप से dianol तीन तरह के होते है I 

टाइप 1 डायबिटीज

इसमें शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली पेन्क्रियाज के इन्सुलिन उत्पादक कोशिकाओं को ही नष्ट या मार देती है I जिसके कारण शरीर इंसुलिन नहीं बना पाता है I जिसके फलस्वरूप शरीर के रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है I

इस प्रकार की sugar अनुवांशिकता के आधार पर ही ज्यादातर होता है I इस तरह के मधुमेह के लक्षण ज्यादातर बच्चो एवं युवाओ में ज्यादा देखने को मिलते है I

टाइप 1 diabetes में रोगी को अनेक तरह के परेशानी होने लगती है जैसे सामान्य से अधिक प्यास लगना, तुरंत तुरंत पेशाब आना,स्वभाव का चिड़चिड़ापन होना,थकान एवं कमजोरी महसूस होना,धुंधली दृष्टि का होना

टाइप 2 डायबिटीज

इस प्रकार के acidosis में शरीर इंसुलिन तो बनाता है परन्तु शरीर इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाता है I

जिसके कारण शरीर की कोशिकाएं रक्त से ग्लूकोज को अवशोषित करने में असमर्थ हो जाता है I फलस्वरूप रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ते जाता है एवं शरीर इस प्रकार की डायबिटीज से ग्रसित हो जाता है I

टाइप 2 रोगी में अनेक तरह के sugar hone ke lakshan देखने को मिलती है जैसे ज्यादा पानी प्यास लगना,जल्दी जल्दी पेशाब लगना,भूख भी ज्यादा लगना,वजन का लगातार घटना,बहुत ज्यादा थकान लगना

type 2 diabetes

जेस्टेशनल डायबिटीज

इस तरह के मधुमेह के लक्षण ज्यादातर गर्ववती महिलाओ में देखने को मिलती है I इसमें महिलाओ का शरीर अपने और बच्चो के लिए इन्सुलिन बनाना बंद कर देती है I जिसके कारण रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ता जाता है I

Early लक्षण के आधार पर मधुमेह से निजात कैसे पाए

Diabetes case study से हम पता कर सकते है की किस प्रकार के मधुमेह से हमारा शरीर ग्रसित है I इसका पता कुछ विषेश तरह के diabetes test करने के बाद ही पता चलता है I

पहला हीमोग्लोबिन A1C टेस्ट

इस तरह के diabetes test हमे यह बताता है की शरीर के लाल रक्त कोशिकाओं में ग्लूकोज की मात्रा कितना है I यह टेस्ट हमारे शरीर में औसत रक्त ग्लूकोज के स्तर का अनुमान लगाने के लिए उपयोग किया जाता है I

इस टेस्ट को विना उपवास के किया जाता है I आंकड़े के अनुसार अगर हीमोग्लोबिन A1C का मान 5.7% से कम है तो शरीर सामान्य है एवं मधुमेय से ग्रसित नहीं है I

अगर इसका पठन मान 5.7 एवं 6.4% के विच है तो शरीर acidosis के पहला स्टेज पर है I अगर HbA1C का पठन मान 6.5% से अधिक है तो इसका मतलब यह है की शरीर शत प्रतिशत dianol से ग्रसित है या शरीर में मधुमेह के लक्षण है I

दूसरे शब्दों में अगर टेस्ट परिमाण 7% से कम है तो diabeetus नियंत्रण में है I परन्तु अगर टेस्ट का परिमाण 9% से ऊपर है तो मधुमेह अनियंत्रण में है I इस स्थिति पर खतरा बहुत ज्यादा होता है I 

दूसरा फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट

Diabetes case study में यह दूसरा diabetes test होता है जिसको करने से पहले शरीर को करीब 8 घंटे उपवास में रखा जाता है I उपवास रहने के बाद शरीर के रक्त में स्थित ग्लूकोज का स्तर को नापा जाता है I इस परीक्षण का परिणाम को निम्न तरह से मापा जाता है I

तीसरा रेंडम ब्लड शुगर टेस्ट

Diabetes case study में तीसरा diabetes test रेंडम ब्लड शुगर के नाम से जाना जाता है I इस परीक्षण में भी रक्त में स्थित ग्लूकोज का स्तर को मापा जाता है। इसमें यदि रक्त में ग्लूकोज का स्तर 200 मिलीग्राम / dL है तो शरीर मधुमेह से ग्रसित है।

चौथा ओरल ग्लूकोज टालरेंस टेस्ट

Sugar hone ke lakshan को जाँचने के लिए इस टेस्ट में दो नमूना लिया जाता है एक उपवास के बाद एवं दूसरा खाना खाने के 1 घंटे बाद। दोनों टेस्ट में ही रक्त में स्थित ग्लूकोज का स्तर जाँच किया जाता है। diabetes test दर्शाने वाले परिणाम को निम्न तरह से मापा जाता है।

डायबिटीज किन किन कारणो से होता है।

Sugar से बचाव के उपाय

इसके दो तरीका है पहला एलोपेथिक एवं दूसरा आयुर्बेदिक उपचार

डायबिटीज का एलोपेथिक उपचार

इस पद्धति के अनुसार डायबिटीज का कोई स्थायी उपचार नहीं है I इसमें acidosis हमेशा के लिए ठीक नहीं होता है एवं इसका कोई सठिक उपचार भी नहीं है।

इस प्रकार के उपचार में रोगी को डाक्टर के दिए हुए दिशानिर्देशों का लगातार पालन करते रहना है। इसमें स्वस्थ,उचित भोजन,अच्छी व्यायाम एवं दवाईया जाँच आदि योजना शामिल है।

टाइप 1 diabetes के उपचार
टाइप 2 diabetes के उपचार

डायबिटीज का आयुर्बेदिक उपचार

शुगर होने के लक्षण के आधार पर मधुमेह का आयुर्वेदिक उपचार में बहुत सारे विधि अपनाते है।

उद्वर्तन विधि

इस विधि में औषधीय पाउडर एवं जड़ी बूटियों के मिश्रण से बना लेप को शरीर में मालिस किया जाता है। इससे कफ दोष और शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को कम किया जाता है।

धान्य अम्ल धारा विधि

धान्य अम्ल में अनाज एवं अम्ल से गुनगुना औषधीय तरल को तैयार किया जाता है। इसका उपयोग कफ और वात दोष को संतुलित करते है।

विरेचन फर्म विधि

इस विधि में बहुत सरे रेचक जैसे सैत्रा, रूबर्ट या एलोवेरा देकर शरीर में उपस्थित विषैला पदार्थ को बाहर निकला जाता है।

मधुमेह का घरेलु उपचार

Madhumeha Disease के रोगी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

Glycaemic के रोगी क्या खाये

क्या नहीं खाना चाहिए

डायबिटीज के बचाव के लिए योग करना

Sugar से बचाव के लिए कुछ विशेष प्रकार का योग जिसे अपने जीवन शैली में रोज करना आवश्यक है। 

मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश

मधुमेह से होने वाले नुकसान

Diabetes बहुत खतरनाक होता है इससे शरीर के अंग प्रभावित हो जाते है।

निष्कर्ष

शुरुआती शुगर होने के लक्षण को पहचानकर और समय पर सही उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान, वजन कम होना, धुंधली दृष्टि, और घावों का धीमा ठीक होना जैसे लक्षणों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अगर इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाना जरुरी है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और सही उपचार से मधुमेह को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।

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