दुर्गा पूजन सामग्री लिस्ट (Durga Puja Samagri List)
दुर्गा पूजा, जिसे दुर्गोत्सव भी कहा जाता है। यह उत्सव माँ दुर्गा की महिषासुर पर विजय का प्रतीक है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न है और इसे पूरे भारत में, विशेषकर पश्चिम बंगाल में, बड़े उत्साह के साथ मनाते है। यह नौ दिनों तक चलने वाला पर्व है, इसलिए नवरात्रि भी कहते हैं, और यह भक्ति, आस्था और उत्सव का समय होता है। निकट दुर्गा पूजा 2025 तारीख (Durga puja 2025 date) 28 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक है। आइए, इस पावन पर्व में उपयोग होने वाले सामग्री और पूजन विधि की जानकारी को विस्तार से जानें।
दुर्गा पूजा के लिए कौन-कौन सी सामग्री चाहिए?

पूजा की सफलता के लिए उचित पूजन सामग्री का होना बहुत ज़रूरी है। पूजा शुरू करने से पहले, सभी आवश्यक वस्तुएं इकट्ठा कर लेने से पूजा के दौरान कोई बाधा नहीं आते। यहाँ एक विस्तृत दुर्गा पूजन सामग्री लिस्ट(Durga puja samagri list) की सूची दी गई है:
1. कलश स्थापना के लिए सामग्री
कलश कोई भी पूजा का शुभारम्भ का प्रतीक होता है और इसे स्थापित किए बिना पूजा नहीं होती है। स्थापित करने से पहले कलश पूजन सामग्री लिस्ट में उपलब्ध सामान की व्यवस्था पहले से ही कर ले।
- कलश मिट्टी या धातु (तांबा, पीतल) का ले सकते है I
- शुद्ध जल संभव हो तो गंगाजल
- आम के पत्ते (5, 7 या 11) बेजोड़ में
- एक नारियल जटा वाला
- सुपारी, हल्दी की गांठ, कुछ सिक्के को लीजिये
- चावल या सात प्रकार के अनाज कलश के नीचे रखने के लिए
2. देवी की पूजा के लिए पूजन सामग्री लिस्ट
- माँ दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर
- लकड़ी की चौकी या पाटा जिसके ऊपर मूर्ति स्थापित करने के लिए
- चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाए
- माँ के लिए लाल चुनरी या छोटी साड़ी
- शृंगार में (सिंदूर, बिंदी, चूड़ियाँ, आलता, काजल, इत्र) लेना है
- अक्षत (यह बिना टूटे चावल होता है)
- कुमकुम या रोली, चंदन लाल और सफेद दोनों
3. हवन और दीपक के लिए पूजन सामग्री लिस्ट
हवन अग्नि को पूजन के लिए होता है जिसमे निम्न सामग्री की जरुरत होती है।
- हवन कुंड बाजार में मिल जाते है और आम की लकड़ियाँ
- हवन सामग्री का पैकेट यह भी पूजा भंडार में मिलते है
- घी, कपूर, माचिस
- धूप और अगरबत्ती
- दीपक (मिट्टी या पीतल का)
4. भोग और प्रसाद बनाने के लिए पूजन सामग्री
माँ के पूजन में अर्पित किया जाने वाला नैवेद्य।
- काजू, बादाम, किशमिश, मखाना, छुहारा
- मौसमी फल
- मिठाइयाँ (पेड़ा, बर्फी या लड्डू)
- पान के पत्ते, इलायची, लौंग, शहद, शक्कर
यह एक सामान्य दुर्गा पूजन सामग्री लिस्ट(Durga puja samagri list) में है। आप अपनी परंपरा और सुविधा के आवश्यकता अनुसार इसमें बदलाव कर सकते हैं।
क्या है दुर्गा पूजा का महत्व?
दुर्गा पूजा का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों है। यह पूजा एक भारतीय सामाजिक उत्सव है। इसका महत्व इस प्रकार है:
- आध्यात्मिक महत्व: यह पर्व हमें यह बताता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में जीत हमेशा अच्छाई की होती है। माँ दुर्गा शक्ति का एक प्रतीक हैं और उनकी पूजा से भक्तों को अद्यम्य साहस और शक्ति मिलती है।
- सांस्कृतिक महत्व: सभी यह समय सब काम छोड़कर परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियाँ मनाता है। लोग नए कपड़े पहनते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और पंडालों में माँ दुर्गा के दर्शन करने को जाते हैं।
- नारी शक्ति का सम्मान: यह पर्व नारी शक्ति के प्रतिक है, यानी स्त्री की शक्ति और सम्मान दोनों है। माँ दुर्गा स्त्री के उस रूप को दर्शाती हैं जो सृजन भी कर सकती है और संहार भी।
कैसे करें दुर्गा पूजा की तैयारी?
पूजा की तैयारी 10-15 दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। एक व्यवस्थित तैयारी होने से आपको पूजा के दिन शांत और केंद्रित रहने में मदद करती है।
- घर की सफाई: पूजा आने से पहले पूरे घर की अच्छी तरह से सफाई किया जाता है। माना जाता है कि स्वच्छ स्थान पर ही देवी का आगमन होता है।
- पूजा स्थल का निर्धारण: घर में पूजा के लिए जहा आप पूजा स्थल या मंदिर स्थापित करेंगे वह एक शांत और स्वच्छ कोना होना चाहिए।
- सामग्री की सूची बनाना: ऊपर में दुर्गा पूजन सामग्री लिस्ट(Durga puja samagri list) की मदद से एक सूची तैयार करें ले और इन सामान को बाज़ार से ले आएं।
- व्रत और उपवास: यदि आप नवरात्रि के व्रत रखेंगे, तो उसके लिए फलाहार और अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था पहले से कर लेंना है।
नवरात्रि में देवी की कौन सी विशेष पूजन सामग्री उपयोग करें?
नवरात्रि के नौ दिन तक माँ दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती हैं। प्रत्येक देवी को को पूजा करने के लिए कुछ विशेष पूजन सामग्री लिस्ट की आवश्यकता होती है, जिन्हें अर्पित करके प्रसन्न किया जाता हैं।
- शृंगार का सामान: माँ दुर्गा को सुहाग का सामान जैसे लाल चुनरी, चूड़ियाँ, सिंदूर, बिंदी, और आलता अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। ये भी पूजन सामग्री के अंतरगर्त आते है
- पंचमेवा: पाँच प्रकार के सूखे मेवे माँ को प्रसाद में चढ़ाए जाते हैं।
- इत्र: पूजा के दौरान सुगंधित इत्र या कपूर का प्रयोग करें। इससे वातावरण पवित्र और सकारात्मक बनता है।
- कमल गट्टा: कमल गट्टे की माला या कुछ दाना माँ दुर्गा को अर्पित करें इससे माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
क्या है दुर्गा पूजा में इस्तेमाल होने वाले फूलों की सूची?
कोई भी पूजा के लिए फूल जरुरी होता है। माँ दुर्गा को विशेष रूप से लाल रंग के फूल बहुत प्रिय हैं।
- गुड़हल (Hibiscus): यह फूल सभी पूजा में विशेष स्थान रखता है। माँ दुर्गा को यह सबसे प्रिय है क्युकी यह फूल माँ दुर्गा के प्रति श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है।
- कमल: कमल का फूल पवित्रता और दिव्यता का प्रतीक है।
- गेंदा: गेंदे के फूल आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और पूजा में इनका बहुत ज्यादा उपयोग होता है।
- गुलाब: लाल गुलाब पूजा के लिए कम उपयोग होता है लेकिन दुर्गा पूजा में इसका उपयोग माँ की मूर्ति के सजावट और वेलपत्र पूजा में होता है।
- अपराजिता: यह विशेष होता है नीले रंग का यह फूल भी माँ दुर्गा को चढ़ाया जाता है विजयदशमी के दिन अपराजिता की विशेष पूजा होती है।
कैसे सजाएं माँ दुर्गा का मंदिर?
घर में माँ दुर्गा का मंदिर या पूजा स्थल सजाना एक आनंददायक माहौल का अनुभव होता है।
- पृष्ठभूमि: मंदिर की पृष्ठभूमि में विभिन्न कपड़े जैसे लाल, पीले या सुनहरे रंग का प्रयोग किया जाता है।
- फूलों की सजावट: ताजे फूलों की माला बनाकर मूर्ति के चारों ओर सजा सकते है। रंगोली बनाने के लिए भी फूलों की पंखुड़ियों का उपयोग कर सकते हैं।
- रोशनी: मंदिर को दीयों और रंग-बिरंगी लाइटों से रोशन करने एक दिव्य और उत्सव का माहौल दिखता है।
- रंगोली: पूजा स्थल के प्रवेश द्वार पर चावल के आटे, हल्दी और रंगों से सुंदर रंगोली बना सकते है।
दुर्गापूजा के दौरान कौन-कौन से अनुष्ठान किए जाते हैं?
दुर्गा पूजा में नौ दिनों तक कई महत्वपूर्ण अनुष्ठान चलते हैं।
- कलश स्थापना: इसे घर में समृद्धि, आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए स्थापित किया जाता है।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ: नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है।
- कुमारी पूजन: अष्टमी या नवमी के दिन छोटी कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर कन्या पूजन की जाती है और उन्हें भोजन कराया जाता है।
- हवन: नवमी के दिन हवन पूजा की पूर्णाहुति की जाती है।
- मूर्ति विसर्जन: दसवें दिन, यानी विजयदशमी को, माँ दुर्गा की मूर्ति को नदी या तालाब में विसर्जित किया जाता है, इस वादे के साथ कि “आशचे बछर अबार होबे “।
घर पर कैसे करें दूर्गापूजा?
जो पंडाल तक नहीं जा सकते, तो घर पर भी पूरी श्रद्धा से दुर्गा पूजा कर सकते हैं।
- पहले पूजा स्थल को साफ कर ले फिर गंगाजल छिड़कें।
- माँ दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर को चौकी के ऊपर स्थापित करें।
- सबसे पहले गणेश जी की पूजा करना है, फिर कलश स्थापना करें।
- दीपक जलाकर माँ दुर्गा का ध्यान करें।
- माँ के चरणों में फूल, फल, सिंदूर, और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें।
- अब दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करें।
- अंत में आरती करें और माँ को भोग लगाएं। अंत में प्रसाद सभी में बांटें।
आपकी पूजा के लिए एक अच्छी दुर्गा पूजन सामग्री लिस्ट(Durga puja samagri list) बहुत सहायक होगी।
नवरात्रि के लिए कौन से भोग तैयार करें?
नवरात्रि में माँ दुर्गा को प्रतिदिन अलग-अलग भोग को अर्पित करने की परंपरा है। यदि आप नौ दिन अलग-अलग भोग नहीं बना सकते, तो आप कुछ सामान्य भोग भी तैयार कर सकते हैं।
- हलवा: सूजी या सिंघाड़े के आटे का हलवा बना सकते हैं।
- खीर: मखाने या साबूदाने की खीर एक उत्तम भोग है।
- पूरी और चने: अष्टमी या नवमी के दिन काले चने और पूरी का भोग लगाया जाता है।
- फल: मौसम के अनुसार ताजे फल भी भोग में अर्पित किए जा सकते हैं।
- मिठाइयाँ: दूध से बनी मिठाइयाँ जैसे पेड़ा या बर्फी भी माँ को प्रिय हैं।
निष्कर्ष
दुर्गा पूजा आस्था और उत्सव का एक सुंदर संगम है। भक्ति और श्रद्धा से की गई कोई भी पूजा स्वीकार होती है। Durga puja 2025 countdown शुरू हो चूका है आशा है दुर्गा पूजन सामग्री लिस्ट (Durga puja samagri list)दुर्गा पूजा 2025 में आपके लिए काफी मददगार साबित होगी। नवरात्रि, माँ दुर्गा आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएं। Durga puja wishes के साथ जय माता दी।