Table of Contents
ToggleHow to Track Sabse Sasta Shares Easily
भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना आजकल बहुत लोकप्रिय हो गया है। बहुत सारे निवेशक कम मूल्य वाले मतलब “sabse sasta share” की खोज करते हैं, ताकि पॉकेट से कम पैसे लगाकर ज्यादा शेयर खरीदा जा सकें। आइये इस लेख में विस्तृत रूप से जानेंगे कि sasta aur accha share किसे कहते है, इसकी पहचान कैसे की जाए, और इसमें निवेश के फायदे और नुकसान क्या हैं।
Sabse Sasta Share की परिभाषा
सबसे सस्ता शेयर actual है क्या? आप कहेंगे, शेयर बाजार में जिस शेयर का दाम बहुत कम हो I लेकिन इस तरह के सभी शेयर अच्छे नहीं होते है।
इसकी कीमत कंपनी की स्थिति, उद्योग के हालात, या बाजार की धारणा पर तय होती है। कई बार अच्छे फंडामेंटल वाली शेयर भी सस्ते मिल जाते हैं।
हाँ एक बात और, sasta share मिलने का मतलब ये नहीं की यह एक Value stocks है यह कभी ना सोचे I देखिये सस्ता शेयर वेल्यू स्टॉक्स हो भी सकते है या नहीं भी I
actually वेल्यू स्टॉक्स शेयर के आतंरिक मूल्य से कम कीमत पर मिलना I परन्तु low price share मतलब यह ख़राब भी हो सकते है या अच्छे भी I
लोग सस्ते शेयरों की तलाश क्यों करते हैं?
लोगो द्वारा sasta share को कई कारणों से खोजते हैं। ये शेयर investor को कम पूंजी पर अधिक संख्या में शेयर ख़रीदने का मौका मिलता हैं। आइए, इसके कारणों को विस्तार से समझते हैं:
1. कम लागत में अधिक शेयर खरीदने का मौका
सस्ते स्टॉक कम कीमत के कारण लोगो को आकर्षित करता है I आइये इसके फ़ायदे को जानते है मान लेते है कोई शेयर 10 रुपये में मिल रहे है, तो 1000 रुपये में 100 शेयर मिलेंगे, जबकि महंगे शेयर इस पैसे से कम शेयर ही मिलेंगे।
2. भविष्य में बड़ी वृद्धि होने की संभावना
भविष्य में बड़ी वृद्धि की संभावना को देखते हुए लोग sasta share को ख़रीदते है। कम मूल्य वाले शेयर सही समय और अच्छी कंपनी के हो, तो उनके मूल्य कई गुना बढ़ सकती है।
अगर कुछ साल पहले सस्ते ख़रीदे शेयर भविष्य में बहुत अधिक मूल्य के हो जायें, तो निवेशकों को भारी मुनाफा हो सकता है।
3. नए और छोटे निवेशकों का ज्यादा झुकाव
शेयर बाजार में नए और छोटे निवेशकों कम पूंजी होती है I वे ज्यादा जोखिम नहीं लेते हैं। इसलिए सबसे सस्ता शेयर निवेश के लिए उपयुक्त होते हैं I
क्योंकि इनकी कीमत कम होती है, जिससे नुकसान भी बड़ा नहीं होता। नए निवेशक इस प्रकार के शेयरों से अनुभव लेते रहते है बिना बड़ी पूंजी को ख़तरे में डाले।
4. मनोवैज्ञानिक भ्रम
ख़रीदारो में low price share के लिए एक प्रकार से मनोवैज्ञानिक भ्रम लाभ होती है।
जब निवेशक इस प्रकार के शेयर खरीदता है, तो वह यह समझता है कि उसके पास शेयर बाजार की बड़ी हिस्सेदारी है। इससे मन में एक ख़ुशी होती है इतने सारे शेयर होने का।
5. लाभांश (Dividend) का अवसर
बहुत निवेशक कुछ saste share को इस आश पर ख़रीदते है की यह नियमित रूप से डिविडेंड देंगे, भले उनकी कीमत कम क्यों न हो।
ऐसे में निवेशक केवल शेयर की कीमत बढ़ने का इंतजार नहीं करता है, बल्कि कंपनी के मुनाफे में भी हिस्सा मिले यह इच्छा रखता है। यह निवेशकों को आय का दूसरा स्रोत होता है I
6. कम जोखिम के साथ उच्च रिटर्न की उम्मीद
Sasta share में निवेश से शुरुआती पैसे कम लगता है, इससे जोखिम कम रहता है। इसमें अगर निवेशक गलत शेयर चुनाव करता है, तो नुकसान कम होता है।
साथ ही, अगर शेयर की कीमत थोड़ा बढ़ती है, तो निवेशक को ज्यादा रिटर्न मिल सकता है I क्योंकि कम कीमत का शेयर अगर थोड़ा सा भी बढ़ता है अच्छा लाभ देता है I
7. उभरते सेक्टर में अवसर
जो शेयर अभी विकसित हो रहे हैं ज़्यादातर सबसे सस्ता शेयर ही होते है लोग इन्हे नजरअंदाज करते हैं। उदाहरण के लिए, हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी), टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स या उभरते बाजारों में ऐसे कई sasta stocks हैं जो भविष्य में बड़े मुनाफ़ा बन सकता है।
सबसे सस्ता शेयर खोजने के तरीके
Best sasta share कैसे खोजे इसकी एक प्रक्रिया होता है साथ में विश्लेषण भी करना आवश्यक है। केवल शेयर की कीमत कम होने से उसे सस्ता नहीं कह सकते, बल्कि कंपनी की आंतरिक स्थिति, बाजार की स्थिति, और उसकी विकास संभावनाओं को जानना ज़रूरी है।
आइये sabse sasta or acha share ख़ोजने से पहले कुछ मापदंड को जानना बहुत ज़रूरी है I
(i) पी/ई अनुपात (Price to Earnings Ratio)
देखिये फंडामेंटल यह कहता है की कोई भी शेयर खरीदिये तो पहले पी/ई अनुपात को जाँच ले I पी/ई अनुपात यह बताता है कि किसी कंपनी से 1 साल में एक रुपये कमाने के लिए हमें कितना रुपये निवेश करना पड़ेगा I
शेयर से प्राप्त आय (EPS) हमें यह भी बताता है की एक जैसे कंपनी मुकाबले में कौन शेयर कितना महंगा या सस्ता है। कम P/E अनुपात के शेयर को generally सस्ता कहते है।
Sabse acha share के लिए हमें दो बातों का ध्यान रखना है I पहला अगर कोई कंपनी का P/E ratio दूसरे के तुलना में कम है तो वह शेयर सस्ता है I दूसरा कंपनी की खराब स्थिति से भी पी/ई ratio कम होता है I
(ii) पी/बी अनुपात (Price to Book Ratio)
इस रेश्यो को valuation ratio भी कहते है I current stocks price/book value = P/B ratio I इसमें current stocks price का मतलब वर्तमान शेयर का दाम I
दूसरा बुक वैल्यू का मतलब net assets value = कंपनी का कुल assets – कुल liabilities I इसका मतलब उस कंपनी का शेयर अपनी बुक वैल्यू के मुकाबले पांच गुना कीमत पर ख़रीद बिक्री कर रहा हैं I निवेशक इसको पांच गुना ज्यादा दर पर भी खरीदने को तैयार है I
(iii) डिविडेंड यील्ड
डिविडेंड यील्ड से यह पता चलता है कि कंपनी जो वार्षिक डिविडेंड देता है वह उसके शेयर की वर्तमान कीमत का कितना प्रतिशत है।
उच्च डिविडेंड यील्ड शेयर निवेशक को उसकी investing राशि पर बेहतर रिटर्न दिला सकता है, खासकर अगर sasta share हो और कंपनी नियमित रूप से डिविडेंड देती हो।
(iv) अंडरवैल्यूड शेयर
कुछ शेयर बाजार में सबसे सस्ते मिलते हैं, चाहे कंपनी की financial स्थिति बहुत मजबूत हो। इस शेयर को अंडरवैल्यूड कहते हैं। मतलब बाजार के निवेशक ने अभी तक कंपनी की सही वैल्यू का सही आकलन नहीं कर पाया है।
फंडामेंटल एनालिसिस जैसे कि बैलेंस शीट, कैश फ्लो, और लाभ-हानि खाता को देख कर हम ऐसे अंडरवैल्यूड शेयरों को पहचान सकते हैं।
(v) डिस्काउंटेड कैश फ्लो एनालिसिस
अगर शेयर का मूल्य डिस्काउंटेड कैश फ्लो द्वारा ज्ञात किये गए मूल्य से कम है, तो यह sasta share कहा जाता है। जो कंपनी भविष्य में अच्छा मुनाफा कमा सकती हैं यह एनालिसिस उसके लिए बहुत उपयोगी होते है ।
उपरोक्त मापदंडों को समझने के बाद अब हमे कुछ analysis करेंगे तभी सबसे सस्ते शेयर को खोज पाएंगे I इसके लिए हमें कंपनी की समग्र स्थिति, उसके उद्योग की स्थिति, और उसके भविष्य की संभावनाओं को अच्छे से समझना होगा। आइये कैसे जाने इसके बारे में I
1. कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना
फंडामेंटल एनालिसिस से कंपनी की बैलेंस शीट, लाभ-हानि खाता, और कैश फ्लो को अच्छी तरह जान सकते हैं।
इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन कर लेते हैं। हाँ एक बात और फंडामेंटल एनालिसिस करने के दौरान हमको कुछ बातो को ध्यान में रखना है :
- कंपनी की आय (Revenue Growth)
- शुद्ध मुनाफा (Net Profit Margin)
- ऋण से इक्विटी अनुपात (Debt to Equity Ratio)
कैश फ्लो (Operating Cash Flow)
2. तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) करना
Technical Analysis के लिए चार्ट और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जाता है बाजार को समझने के लिए। इसके मदद से किसी शेयर की कीमत की दिशा और किस समय sabse best share खरीदना हमारे लिए सही होगा।
3. सेक्टर और उद्योग की स्थिति
Low price share को चुनने के लिए हम जिस सेक्टर या उद्योग में पैसे निवेश करेंगे, उसकी वर्तमान और भविष्य की स्थिति को अच्छे से समझेंगे।
जब किसी विशेष सेक्टर में मंदी आता है, तो हमे इस ताक में रहना है तभी अच्छे शेयर कम कीमत पर मिल सकते हैं। जब इस सेक्टर में सुधार होगा, तब निवेश की हुई शेयर हमें अच्छे return देती है।
4. मार्केट के सेंटिमेंट और भावनाओं को समझना
शेयर बाजार भावनाओ पर भी चलती हैं। कभी-कभी बाजार में नकारात्मक या उत्साह भरी ख़बर शेयर की कीमतों में अस्थायी बदलाव करते रहते हैं।
अगर बाजार में नकारात्मक news का प्रभाव अधिक हैं, तो कई अच्छे शेयर सस्ते दाम पर मिल जाते हैं I अगर हम इसे इस समय निवेश करते है तो यह भविष्य में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।
सस्ता शेयर में जोख़िम प्रबंधन
सबसे सस्ता शेयर ख़ोजने के प्रयास में जोखिमों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। इसलिए इससे होनेवाले risk का प्रबंधन अच्छे से करने का हुनर आना चाहिए :
- कम कीमत का मतलब सभी शेयर अच्छा नहीं होता है
- ख़राब वित्तीय स्थिति वाले शेयर भी कम कीमत में मिलते है और अच्छे शेयर भी अस्थाई समय के लिए कम क़ीमत पर मिलते है I इस स्थिति को analysis करके पता कर सकते है ताकि गलत शेयर में न निवेश हो जाए I
वोलेटिलिटी का खतरा
Sasta share का दाम तेज़ी से बदलता है I निवेश करने के बाद इस तेज़ी से उतार – चढ़ाव को सहन करने की क्षमता हमारे में होनी चाहिए I इस वोलैटिलिटी वाले शेयरो को अच्छे से विश्लेषण करने का अनुभव आनी चाहिए I
माइक्रो-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों की जानकारी
छोटी कंपनियों के शेयर को स्मॉल-कैप और माइक्रो-कैप कहते है I इस तरह के शेयर अक्सर कम कीमत पर मिलते हैं, लेकिन इनमें जोखिम बहुत ही ज्यादा होता है। ऐसी कंपनियां भरोसे लायक नहीं होती हैं I इनके दिवालिया होने का अवसर भी अधिक होता है।
निष्कर्ष
सबसे सस्ता शेयर खोजने के लिए केवल कम कीमत पर ही नहीं जाना है। साथ में हमें वित्तीय मापदंडों, कंपनी की स्थिति, उद्योग के रुझान, और अन्य महत्वपूर्ण कारकों को अच्छे से समझना होगा। समझदारी से निवेश हम न केवल सस्ते शेयर को ख़रीद सकते, बल्कि लम्बे समय तक लाभ भी कमा सकते हैं।
मैं आनंद कुमार, पेशे से Engineer हूँ साथ में ब्लॉगर भी हूँ I education, investing, food, personnel finance, share market विषय से संबंधित पोस्ट लिखता हूँ I