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Toggleशुगर के लक्षण | Sugar Hone Ke Lakshan in Hindi
आज कई लोग अपनी भागदौड़ भरी ज़िंदगी में सेहत पर ध्यान देना भूल जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर अक्सर शुरुआती संकेत देता है जब कुछ गलत हो रहा हो? शुगर, यानी डायबिटीज़, एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जो चुपके से हमारे जीवन में प्रवेश करती है। इसके शुरुआती लक्षण न केवल पहचानना आसान हैं, बल्कि इन्हें सही समय पर समझना भी बेहद ज़रूरी है।
अगर आपको बार-बार प्यास लग रहा है, बार-बार पेशाब आ रहा है, थकावट महसूस कर रहे है या वजन में अचानक बदलाव जैसी परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, तो यह संकेत शरीर में मधुमेह की लक्षण की ओर इशारा हो सकता है। Diabetes symptoms in Hindi के इस लेख में हम शुगर होने के आम और शुरुआती लक्षणों पर चर्चा करेंगे, ताकि आप इसे समय से पहचान कर सही कदम उठा सकें।
मधुमेह क्या है? (What is Diabetes?)
डायबिटीज, जिसे हम शुगर और मधुमेह की बीमारी भी कहते हैं, यह तब होता है जब हमारे खून में शुगर (ब्लड शुगर) का स्तर बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है। हमारे शरीर में एक हार्मोन इंसुलिन होता हैं। यह खून में मौजूद शुगर को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है।
हमारे शरीर के अग्नाशय यानि पेन्क्रियाज के कोशिकाओं से तरह तरह के हार्मोन स्रावित होता है जिसमे इंसुलिन हार्मोन भी एक मुख्य है I जब भी हम कुछ खाना खाते है तो खाने के तुरंत बाद इंसुलिन हार्मोन पेन्क्रियाज से निकलता है I
आपके मन में सवाल उठ रहा होगा की इन्सुलिन हार्मोन का कार्य क्या है। जब हम कार्बोहैड्रेड और शुगर युक्त खाना खाते है तो इस तरह के खाना पाचन तंत्र में पचने के बाद ग्लूकोज बनता है I यह ग्लूकोज हमारे शरीर के रक्त में मिलकर पुरे शरीर के कोशिकाओं तक पहुँचता है I
जब कोशिकाओं को ऊर्जा की जरुरत होती है एवं रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है या घटती है I तब इंसुलिन हार्मोन इस मात्रा को नियंत्रित करके आवश्यक ऊर्जा कोशिकाओं में पहुंचने देता है I
शरीर में इंसुलिन की कमी या शरीर की कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज को अवशोषित नहीं करने के कारण रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाता है या घट जाती है I लम्बे समय तक यही स्थिति बने रहने पर हम diabetes mellitus रोग से ग्रसित हो जाते है I
डायबिटीज क्यों होता है
शुगर शरीर में इंसुलिन सही तरह से काम नहीं कर पाने या पर्याप्त मात्रा में नहीं बनने के कारण होता है। गलत खानपान, मोटापा, तनाव और आनुवांशिक कारण शुगर होने के मुख्य कारण हैं। जब शरीर में इंसुलिन की कमी होती है, तो खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हम इस बीमारी से ग्रसित हो जाते है।
शुगर होने के लक्षण | Sugar Hone ke Lakshan
किसी व्यक्ति में डायबिटीज के लक्षण (diabetes ke lakshan) डायबिटीज के प्रकार पर निर्भर करते है। वैसे कुछ आम लक्षण जो दिखाई देते है जिनमे शामिल है :
1. बार-बार पेशाब आना (Frequent urination)
अगर बार-बार पेशाब आने की समस्या हो रही है, तो यह डायबिटीज़ का एक आम लक्षण हो सकता है। जब खून में शुगर का स्तर बढ़ता है, तो किडनी उसे छानने और बाहर निकालने की कोशिश करती है, जिससे पेशाब बार-बार आती है।
2. अधिक प्यास लगना (Excessive thirst)
बार-बार पेशाब जाने की वजह से शरीर में पानी की कमी होती है। इस कारण प्यास भी बार-बार लगती है और आप ज़्यादा पानी पीने लगते हैं।
3. थकावट और कमजोरी (Fatigue and weakness)
डायबिटीज़ बीमारी में शरीर शुगर को ऊर्जा में बदल नहीं पाता, जिससे आपको हर समय थकावट और कमजोरी महसूस होती है।
4. वज़न में अचानक बदलाव (Sudden weight changes)
डायबिटीज़ होने पर बिना किसी कारण के आपका वज़न अचानक कम होने लगता है। इसमें आपके शरीर को ऊर्जा के लिए मांसपेशियों और वसा का उपयोग कर रहा होता है।
5. घावों का धीमे भरना (Slow healing of wounds)
अगर आपके छोटे-छोटे घाव भी जल्दी नहीं भर रहे हैं, तो यह डायबिटीज़ का संकेत हो सकता है। खून में शुगर का स्तर ज़्यादा हो, तब घाव भरने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है।
6. बार-बार संक्रमण होना (Frequent infections)
डायबिटीज़ में आमतौर पर शरीर की त्वचा, मूत्र मार्ग, या अन्य संक्रमण होने लगते हैं। इसमें महिलाओं में यीस्ट संक्रमण भी आम है।
7. दृष्टि की समस्या (Blurred vision)
डायबिटीज़ के कारण आंखों पर भी असर पड़ सकता है। इससे दृष्टि धुंधली हो सकती है या आंखों से संबंधित अन्य समस्याएं भी दिखती हैं।
8. हाथ-पैरों में झनझनाहट (Tingling sensation)
मधुमेह नसों को प्रभावित करता है। इससे हाथों और पैरों में झनझनाहट या सुन्न महसूस होने की लक्षण भी दिखती है।
डायबिटीज कितने प्रकार के होते हैं?
डायबिटीज कई प्रकार के होते है। हर प्रकार का डायबिटीज में अलग अलग लक्षण दिखाई देता है।
1. टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)
इसे ऑटोइम्यून डायबिटीज भी कहते है। इसमें शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली पेन्क्रियाज के इन्सुलिन उत्पादक कोशिकाओं को ही नष्ट या मार देती है I जिसके कारण शरीर इंसुलिन नहीं बना पाता है I जिसके फलस्वरूप शरीर के रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है I
मधुमेह के लक्षण ज्यादातर बच्चो एवं युवाओ में ज्यादा देखने को मिलते है I टाइप 1 मधुमेह में रोगी को अनेक तरह के लक्षण शुरुआत में दीखते है जैसे पेट दर्द, उल्टी, सामान्य से अधिक प्यास लगना, तुरंत तुरंत पेशाब आना,स्वभाव का चिड़चिड़ापन होना,थकान एवं कमजोरी महसूस होना। इसे ऑटोइम्यून डायबिटीज भी कहते है।
2. टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)
यह आम प्रकार का डायबिटीज है। इसमें शरीर इंसुलिन तो बनाता है पर कोशिकाएं इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है।
इस प्रकार इंसुलिन रेजिस्टेंस होने के कारण शरीर की कोशिकाएं रक्त से ग्लूकोज को अवशोषित करने में असमर्थ हो जाता है I फलस्वरूप रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ते जाता है एवं शरीर टाइप 2 डायबिटीज से ग्रसित हो जाता है I यह ज्यादातर बड़े लोगों और मोटापे से जुड़े व्यक्तियों में पाया जाता है।
3. गर्भावस्था संबंधी डायबिटीज (Gestational Diabetes)
इस तरह के मधुमेह के लक्षण ज्यादातर गर्ववती महिलाओ में देखने को मिलती है I इसमें हार्मोनल चैंजेस के कारण महिलाओ का शरीर अपने और बच्चो के लिए इन्सुलिन बनाना बंद कर देती है I जिसके कारण रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाता है I
मधुमेह की पहचान कैसे करें?,
मधुमेह के लक्षण की पहचान के लिए डॉक्टर कई प्रकार के टेस्ट करते है
फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट (Fasting Blood Sugar Test - FBS):
Fasting Blood Sugar टेस्ट 8-10 घंटे के उपवास रहने के बाद शरीर से खून का नमूना लिया जाता है। इसमें शुगर का स्तर को मापा जाता है। यदि शुगर स्टार 126 mg /DL या ज्यादा हो तो शुगर के लक्षण हो सकता है।
ग्लूकोज टॉलरेंस शुगर टेस्ट (Glucose Tolerance Sugar Test - GTT):
Glucose Tolerance Test में ग्लूकोज पीने के पहले और बाद दोनों में खून में शुगर का स्तर मापा जाता है। अगर ग्लूकोज पिने के बाद शुगर स्तर 200 mg /DL से ज्यादा हो तो डायबिटीज हो सकता है।
ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन शुगर टेस्ट (HbA1c Sugar Test)
HbA1c टेस्ट 2-3 महीनों के औसत ब्लड शुगर स्तर को नापा जाता है। अगर टेस्ट में स्तर 5 % से ऊपर आता है तो शुगर के लक्षण हो सकता है।
रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट (Random Blood Sugar Test - RBS)
टेस्ट समय के अंतराल पर शुगर स्तर की जाँच की जाती है। यदि शुगर स्तर 200 mg /DL या ज्यादा है तो शुगर के लक्षण हो सकते है। यह डायबिटीज़ की त्वरित जांच होती है।
इंसुलिन टेस्ट (Insulin Test)
इंसुलिन टेस्ट एक प्रकार का रक्त परीक्षण है, जिसका उपयोग शरीर में इंसुलिन की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण खासतौर पर मधुमेह के लक्षण और इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) की स्थिति को समझने में मदद करता है। इंसुलिन टेस्ट के प्रकार:
- फास्टिंग इन्सुलिन टेस्ट (Fasting insulin test): इस टेस्ट के लिए आपको रात भर उपवास रहने के बाद रक्त का सैंपल लिया जाता है। यह परीक्षण बताता है की शरीर में इंसुलिन का स्तर उपवास के दौरान कितना है। Fasting insulin test आमतौर पर ₹378 से ₹1,100 तक उपलब्ध है। इसे serum insulin test भी कहते है।
- पोस्ट-प्रैंडियल इंसुलिन टेस्ट: इस टेस्ट को भोजन के बाद किया जाता है। इससे भोजन के बाद शरीर इंसुलिन का कितना उपयोग करता है और शरीर में शुगर नियंत्रण का पता लगाया जाता है।
- इंसुलिन ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट: इस टेस्ट में ग्लूकोज और इंसुलिन दोनों का स्तर मापा जाता है
ग्लूकोमीटर से ब्लड शुगर जांचने का तरीका
ग्लूकोमीटर एक पोर्टेबल डिवाइस है जो आसानी से खून में शुगर का स्तर को मापा जा सकता है वह भी घर पर ही।
- ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप्स और लैंसेट (सुई) को तैयार कर सामने रखे।
- जिनको टेस्ट करना है हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोकर सुखा लेंना है।
- लैंसेट की मदद से अपनी उंगली पर हल्का सा प्रिक करके खून की एक बूंद निकालें।
- खून की बूंद को टेस्ट स्ट्रिप पर रखें और इसे ग्लूकोमीटर में डालें।
- कुछ सेकंड में स्क्रीन पर आपका ब्लड शुगर के लक्षण दिख जाएगा।
डायबिटीज किन किन कारणो से होता है।
- जरुरत से ज्यादा मीठा का सेवन करने से glycaemic होने का खतरा रहता है।
- लगातार पानी कम पिने के कारण भी शरीर में शुगर लेबल बढ़ जाने का भय बना रहता है।
- बाहर का अनहेअल्थी खाना खाने से भी diabetic होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें तला हुआ खाना जंक फ़ूड, भूखे पेट रह जाना या देर तक भूखे पेट रहने के बाद भर पेट खाना, अनियमित समय पर खाना के कारण भी डायबिटीज होने का खतरा रहता है।
- ठीक से नींद नहीं लेने के कारण भी acidosis होने का खतरा रहता है।
- ब्यायाम न करने के कारण शरीर में बचे हुए कैलोरी का उपयोग नहीं हो पाता जिस कारण शरीर में मोटापा बढ़ने का खतरा रहता है। इससे dianol होने का चांस ज्यादा रहता है।
- बढ़ती उम्र भी एक कारण होता है diabeetus होने का
- अनुवांशिक कारण से भी dianol होता है।
- हाई ब्लड प्रेशर से भी diabetic होने का कारण होता है।
- अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तो भी डायबिटीज का होने का खतरा रहता है
- हार्मोन का असंतुलन के कारण भी glycaemic होता है।
- धूम्रपान और अल्कोहल से भी डायबिटीज होने का खतरा रहता है।
- शरीर में मोटापा रहने से शरीर का वजन बढ़ता है इससे शरीर बीमारी का घर बना लेती है इसमें hyperglycemia syndrome होने का खतरा रहता है।
मधुमेह की रोकथाम के उपाय
मधुमेह की रोकथाम के लिए विभिन्न उपाय अपनाये जाते हैं, जो जीवनशैली में बदलाव, दवाइयों और डॉक्टर की सलाह पर आधारित होते हैं। यहां कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं:
आहार में सुधार:
- ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) एक मानक है जो बताता है कि कोई खाद्य पदार्थ शरीर में कितनी तेजी से शुगर में बदलता है। कम GI वाले खाद्य पदार्थ शुगर कंट्रोल करते हैं।
- फाइबर फ़ूड शुगर को शरीर में धीरे-धीरे अवशोषित होने में मदद करता है, जिससे शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है।
- प्रोटीन वाला भोजन शुगर के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है और लंबे समय तक भूख को कंट्रोल करता है।
- स्वस्थ वसा शरीर के लिए जरूरी होते हैं और यह यह मधुमेह की रोकथाम में मदद करते हैं।
- चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स से बचना है, क्योंकि ये शुगर के स्तर को तेजी से बढ़ाते हैं।
- एक बार में बहुत ज्यादा खाना खाने से बचना है, इसलिए कम भोजन बार बार और नियमित करें।
- अधिक नमक ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा होता है, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है।
- नियमित पानी पीना शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और शुगर स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
व्यायाम:
- वॉकिंग, स्विमिंग, दौड़ना, साइकिल चलाना, डांसिंग।
- पावर वॉकिंग में तेज़ चलना, खासकर 30-40 मिनट रोज़ तेज़ चलें।
- योग और ध्यान करना। योग मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है और यह मधुमेह की रोकथाम का एक कारगर उपाय है ।
- हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग में उच्चतम स्तर पर शारीरिक प्रयास और फिर थोड़ा आराम किया जाता है।
- स्टेपिंग और सीढ़ियाँ चढ़ना। यह अच्छे कार्डियो वर्कआउट के रूप में काम करता है और शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
वजन नियंत्रण:
- कैलोरी वाला आहार का सेवन नियंत्रित करें।
- स्वस्थ वसा जैसे ओमेगा-3 (फैटी फिश, अलसी के बीज, चिया सीड्स) का सेवन करें।
- फाइबर से भरपूर आहार, जैसे हरी सब्जियाँ, दलिया, और साबुत अनाज जो जल्दी वजन (quick weight loss) कम करने में मदद करती है।
- नियमित व्यायाम करें I
दवाइयाँ और इंसुलिन:
- डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाइयां लें।
- गंभीर मामलों में इंसुलिन इंजेक्शन का उपयोग डॉक्टर के सलाह से करे।
ब्लड शुगर की नियमित जांच
- ग्लूकोमीटर से घर पर नियमित ब्लड शुगर की जांच करें।
- HbA1c टेस्ट प्रत्येक 3 महीने के अंतराल में कराएं।
- डॉक्टर द्वारा दिए गए अन्य टेस्ट भी करवाएं।
तनाव प्रबंधन (Stress Management):
- तनाव और चिंता शुगर के स्तर को बढ़ा सकते हैं, इसलिए मानसिक शांति और आराम के लिए ध्यान, योग या अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास नियमित करें। यह मधुमेह की रोकथाम के लिए आवश्यक है
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं:
- स्मोकिंग और शराब से बचें क्युकी ये आदतें डायबिटीज को बढ़ा सकती हैं।
- सही मात्रा में नींद (7-8 घंटे) शुगर नियंत्रित रखने में मदद करती है।
नियमित चेक-अप और डॉक्टर की निगरानी में रहे:
- डॉक्टर से नियमित चेकअप कराते रहें ताकि स्थिति पर निगरानी रखी जा सके और डायबिटीज पर नियंत्रण बना रहे।
डायबिटीज का आयुर्बेदिक उपचार
शुगर के लक्षण के आधार पर मधुमेह का आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है जिसमे निम्न विधि अपनाते है।
उद्वर्तन विधि
इस विधि में औषधीय पाउडर एवं जड़ी बूटियों के मिश्रण से बना लेप को शरीर में मालिस किया जाता है। इससे कफ दोष और शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को कम किया जाता है।
धान्य अम्ल धारा विधि
धान्य अम्ल में अनाज एवं अम्ल से गुनगुना औषधीय तरल को तैयार किया जाता है। इसका उपयोग कफ और वात दोष को संतुलित करते है।
विरेचन फर्म विधि
इस विधि में बहुत सरे रेचक जैसे सैत्रा, रूबर्ट या एलोवेरा देकर शरीर में उपस्थित विषैला पदार्थ को बाहर निकला जाता है।
मधुमेह की रोकथाम का घरेलु उपचार
- शरीर के रक्त में स्थित शर्करा को करने के लिए करेला का उपयोग खाने में किया जाता है।
- मेथी का उपयोग भी मधुमेह को कम करने में किया जाता है। इसका एक फ़ायदा और है जो शरीर में इंसुलिन के स्राव को प्रोत्साहित करता है।
- आंवला विटामिन C के भरपूर स्रोत माना जाता है। यह पेन्क्रियाज में हुए खराबी को सुधरता है।
- नीम का पत्ता या नीम का पेस्ट भी मधुमेह के लिए फायदेमंद होता है। क्युकी इससे ब्लड शुगर संतुलित रहता है।
मधुमेह आहार चार्ट में रोगी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं
- फलो में सेव, केला, अंगूर, संतरा और बेरीज
- राइस, ब्रेड, पास्ता या ओट्स इत्यादि
- चिकन, मछली, अंडा
- काजू, मूंगफली, दही
- गेहू या ज्वार का रस
- जामुन के फल
- अवले का जूस
- ग्रीन टी
क्या नहीं खाना चाहिए
- ज्यादा तला - भुना फैट खाना
- सोडियम युक्त खाना न खाये
- मीठे पदार्थ का पूर्णत त्याग दे
- शुगर युक्त पेय पदार्थ को अपने जीवन शैली से हटा दे
मधुमेह से होने वाले नुकसान
मधुमेह (डायबिटीज) एक गंभीर रोग है, जो शरीर के विभिन्न अंगों और प्रणालियों को प्रभावित कर सकती है, यदि इसका सही तरीके से इलाज न किया जाए या शुगर के स्तर को नियंत्रित न किया जाए।
- इसमें त्वचा सम्बन्धी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।
- कान से सुनने की क्षमता कम हो जाती है।
- ब्लड प्रेशर का हाई होना, धमनिया सिकुड़ना, स्ट्रोक, हार्ट अटैक आदि समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
- इसमें किडनी ख़राब होने का खतरा भी रहता है।
- आँखों को भी प्रभावित करता है जैसे मोतियाबिंद, कम दिखना, अंधापन आदि
- नसे सुन्न पड़ जाता है जिससे हाथ पेअर काम नहीं करता है।
- पैर का क्षतिग्रस्त होना आम बात होती है क्युकी खून पैरो तक नहीं पहुँचता है।
निष्कर्ष
शुरुआती शुगर होने के लक्षण को पहचानकर और समय पर सही उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान, वजन कम होना, धुंधली दृष्टि, और घावों का धीमा ठीक होना जैसे लक्षणों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अगर इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाना जरुरी है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और सही उपचार से मधुमेह को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।
FAQ
1. शुगर के लक्षण और उपाय क्या है
शुगर के लक्षणों में अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना, थकान, वजन घटना, और धुंधला दृष्टि शामिल हैं। उपाय में संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, शुगर की निगरानी, और डॉक्टर की सलाह से दवाइयों का सेवन करना शामिल है।
2. 300 शुगर होने पर क्या करे
300 शुगर होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहेगा। इंसुलिन लें (यदि डॉक्टर ने सुझाया हो) और शुगर को नियमित रूप से चेक करें। ज्यादा समय तक उच्च शुगर को न बढ़ने दें।
3. टाइप 1 मधुमेह के लक्षण
टाइप 1 मधुमेह के लक्षण में शामिल हैं:
- अत्यधिक प्यास और मुँह सूखना
- बार-बार पेशाब आना
- अत्यधिक भूख लगना
- थकान और कमजोरी
- वजन का तेजी से गिरना
- धुंधली दृष्टि
- शरीर में घावों का धीमा ठीक होना
- कीटोन का बनना (मूत्र में केटोन की उपस्थिति)
4. हाई शुगर होने के लक्षण
हाई शुगर (हाइपरग्लाइसीमिया) के लक्षण में शामिल हैं:
- अत्यधिक प्यास लगना
- बार-बार पेशाब आना
- थकान और कमजोरी
- धुंधली दृष्टि
- वजन में अचानक गिरावट
- मुँह में सूखापन
- घावों का धीमे ठीक होना
- सिरदर्द और मतली